अभिमनोज
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दिल्ली में बने हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश दिए हैं.
खबरें हैं कि…. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस अजय मोहन गोयल की सिंगल बेंच ने यह आदेश एक आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित नहीं करने पाने पर जारी किए हैं.
खबरों की मानें तो…. वर्ष 2009 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने कंपनी को 320 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट आवंटित किया था, जो लाहौल स्पीति में लगाया जाना था, सरकार ने उस समय प्रोजेक्ट लगाने को बीआरओ को सड़क निर्माण का काम दिया था, एग्रीमेंट के अनुसार सरकार को ही कंपनी को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी थी, जिससे कंपनी समय पर प्रोजेक्ट का काम शुरू कर सके, परन्तु ऐसा नहीं हुआ.
इसके बाद, कंपनी ने वर्ष 2017 में एक रिट याचिका दायर की जिसमें अदालत को बताया गया कि सुविधा नहीं मिलने के कारण कंपनी को प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा और यह प्रोजेक्ट सरकार को लौटा दिया गया, अलबत्ता, सरकार ने अपफ्रंट प्रीमियम जब्त कर लिया.
इस मामले में सुनवाई के दौरान ही अदालत ने 64 करोड़ के अपफ्रंट प्रीमियम के भुगतान के आदेश जारी किए.
खबरों पर भरोसा करें तो…. जस्टिस अजय मोहन गोयल ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड की तरफ से ऊर्जा विभाग के खिलाफ दाखिल की गई अनुपालना याचिका की सुनवाई में यह आदेश देते हुए हिमाचल प्रदेश के एमपीपी और पावर विभाग के प्रमुख सचिव को इस बात की जांच करने के लिए भी कहा है कि- किस विशेष अधिकारी, अधिकारियों की गलती के कारण 64 करोड़ रुपये की 7 प्रतिशत ब्याज सहित अवार्ड राशि अदालत में जमा नहीं करवाई गई.
इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 15 दिन के अंदर जांच पूरी करके इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई की तारीख 6 दिसंबर को अदालत में पेश करने के लिए कहा है.
इस मामले में अदालत का यह भी कहना है कि- इस पूरे मामले में दोषियों का पता लगाया जाना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि फिर ब्याज को दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने के आदेश दिए जाएंगे!